एनजीओ क्या है ?

एनजीओ क्या है ?

स्वैच्छिक संगठनों (VOs) / गैर सरकारी संगठनों (NGO) में नैतिक, सांस्कृतिक, सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, धार्मिक, आध्यात्मिक, परोपकारी या वैज्ञानिक और तकनीकी विचारों के आधार पर सार्वजनिक सेवा में लगे संगठन शामिल हैं। VO में औपचारिक और साथ ही अनौपचारिक समूह शामिल हैं, जैसे: समुदाय-आधारित संगठन (CBO); गैर-सरकारी विकास संगठन (एनजीडीओ); धर्मार्थ संगठन; संगठनों का समर्थन; ऐसे संगठनों के नेटवर्क या संघ; साथ ही पेशेवर सदस्यता संघों।

 

वीओ / गैर सरकारी संगठनों को निम्नलिखित विशेषताएं होनी चाहिए:

 

वे निजी हैं, अर्थात्, सरकार से अलग हैं

वे अपने मालिकों या निदेशकों को उत्पन्न लाभ वापस नहीं करते हैं

वे स्व-शासन कर रहे हैं, अर्थात्, सरकार द्वारा नियंत्रित नहीं हैं

वे पंजीकृत संगठन या अनौपचारिक समूह हैं, परिभाषित उद्देश्यों और उद्देश्यों के साथ

भारत में एक स्वैच्छिक संगठन / गैर सरकारी संगठन ट्रस्ट, सोसायटी या एक निजी लिमिटेड गैर-लाभकारी कंपनी के रूप में पंजीकृत हो सकता है, भारतीय कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा -25 कंपनी के तहत।

 

एनजीओ अर्थात नॉन गवर्मेंटल ऑर्गेनाइजेशन जिसे हिंदी में हम गैर सरकारी संगठन कहते है ! एनजीओ को और भी नामो से जाना जाता है जैसे स्वैच्छिक संगठन , समुदाय आधारित संगठन आदि ! सामान्य तौरपर ऐसे संगठन खुद से शासित होते है अर्थात सरकार का इनपे बहुत ज्यादा नियंत्रण नहीं होता है ! गैर सरकारी संगठन प्राय स्थानीय विकास के उदेश्य से बनाये जाते है जिसमे मुख्य रूप से तीन लोगो की महत्वपूर्ण भूमिका होती है जो संसथान के प्राशासनिक व्यक्ति होते है जिनको सचिब , अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष के नाम से जाना जाता है ! सामान्य तौर पर इन संस्थाओ के पास एक ऑफिस होता है जिससे ये अपने कार्यक्रमों को सुचारू रूप से चलाते है ! मुख्य तौर पर  ऐसे संस्थाओ को दान पर निर्भर रहना पड़ता  है !


What is an ngo ?


आज के समय में जब हम बहुत सारी समस्याये जिसमे राजनितिक
, समाजिक और आर्थिक सभी समस्याये शामिल है से जूझ रहे है और सरकार के लाख कोशिशो के बावजूद भी मनवांछित परिणाम नहीं मिल पा रहे है ऐसे में यह बहुत जरुरी है की सरकार के विभिन्न अंगो के साथ – साथ गैर सरकारी संगठन भी अपनी समाजिक भूमिका को समझते हुये अपने समाजिक दायित्वों का निर्वहन ठीक से करे ताकि एक अच्छे और स्वस्थ समाज का निर्माण एकसाथ मिल करके किया जा सके !

स्थानीय स्तर पर समाजिक विकास में गैर सरकारी संगठनो की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है, परन्तु आज के समय में सरकार और इन संस्थाओ के बीच अच्छा तालमेल नहीं होने के कारण एक सकारात्मक परिवर्तन नहीं हो पा रहा है ! सरकार और गैर सरकारी संगठन एक दुसरे को सहयोग करने की बजाय एकदूसरे को दुश्मन समझ रहे है ,जिसका नकारात्मक प्रभाव समाजिक विकास पर देखने को मिलता है !

इतनी सारी समस्यायों के बावजूद भी भारत में बहुत सारे ऐसे गैर सरकारी संगठन है जिनके योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है और ये संस्थाए लगातार समाजिक विकास में अपना योगदान दे रही है , उनमे से कुछ प्रमुख समस्याये है गूँज , बचपन बचाओ आन्दोलन , टाटा ट्रस्ट आदि !

नोट : हम हमेशा आपके सुझाव का स्वागत करते है ,आपके पास अगर कोई भी सुझाव हो कोई भी प्रश्न हो तो कृपया कमेन्ट करे ,हम पूरी तरह कोशिश करेंगे की आपकी समस्या का समाधान हो सके ! आपको अगर यह शुरुआत अच्छी लगती है तो कृपया शेयर कर सहयोग करे !

धन्यवाद

 


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